12 नवंबर 2019 से 25 जनवरी 2020 –

मैंने तय किया कि 2019 तक, मैं इस वेबसाइट पर “महाकाव्य ज्ञान वीडियो श्रृंखला” के 9 बचे वीडियो को हर हाल में प्रस्तुत करूँगा। मैं इस पर काम कर रहा था। जब मैं 2019 तक “महाकाव्य ज्ञान वीडियो श्रृंखला” को पूरा करने के अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहा था तब मैंने दो बड़ी चुनौतियों का सामना किया –

  1.  1 दिसंबर 2014 (जिस दिन मेरी मानसिक स्थिति टूट गई) के बाद से मैं अपने जीवन में  बड़ी चुनौतियों से गुजर रहा हूं। मैं अभी भी अपनी नई मानसिक स्थिति  का निर्माण नहीं कर पाया हूं और इसलिए मेरे जीवन की चुनौतियां अभी भी जारी हैं। इसके अलावा, मैं वास्तव में खुद को पूर्ण रूप से मास्टर करने में सक्षम नहीं हो पाया हूँ  और इसलिए  मैं अपने  व्यक्तिगत दोष / गलतियों को दोहराता रहता हूँ।
  2. मुझे बहुत अधिक बाहरी मानसिक दबाव महसूस होता है जो मुझे मेरे  लक्ष्य को हासिल करने से रोकने की कोशिश कर रहे है।

दुर्भाग्य से, मैं अपने लक्ष्य को पाने में असफल रहा। काफी आंतरिक प्रयास के बाद, मैं केवल 5 वीडियो प्रस्तुत कर सका।

“महाकाव्य ज्ञान वीडियो श्रृंखला” के विडियो को कितनी बार देखा गया हैं , इसकी जानकारी नीचे मौजूद हैं –

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इन आंकड़ो के द्वारा  मैं  निष्कर्ष निकाल सकता हूं कि बहुत कम लोग हैं जो वास्तव में अपने कल्याण में रुचि रखते हैं। यह निष्कर्ष हास्यजनक है कि अधिकतम 9 लोग हो सकते हैं, जो मेरी तरफ से अपने कल्याण की संभावनाओं में रुचि रखते हैं। इस निष्कर्ष को सोचते हुए, मैं सचमुच दिन में कई बार जोरो से हंसता हूं। मैं लाखों जागरूक मनुष्यों की मूर्खता पर हंसता हूं और मुझे उन पर दया भी आती है।

“जागरूक मनुष्यो”  का मतलब “जो लोग इस वेबसाइट और महाकाव्य ज्ञान वीडियो श्रृंखला से अवगत हैं”

मैं अपने अंदर और अपने आस-पास महसूस कर सकता हूं कि लोगों को मुझ पर दया आ रही है कि मेरे वीडियो को बहुत कम लोगो ने देखा हैं, लेकिन हमेशा की तरह, फिर से यह केवल जागरूक मनुष्यों का भ्रम है और मैं इन जागरूक मनुष्यों के कठोर भ्रम पर हंसने और दया महसूस करने के अलावा कुछ नहीं कर सकता। सच्चाई यह है कि मुझे  पर दया करने के बजाय उन्हें खुद पर दया आनी चाहिए क्योंकि जागरूक मनुष्यों के इस मतिहीन हरकत के बाद ,  मैं पूरी तरह से कृपापात्र हो गया हूं जबकि मानवता के सच्चे कल्याण की  संभावनाओ में कटौती हो गयी हैं।


मेरे जीवन कहानी की एक झलक –

मैं पहले से ही अपने जीवन में संतुष्ट था और फिर 1 दिसंबर 2014 को मेरी मानसिक स्थिति टूट गई और तब से मैं शुद्ध चेतना के रूप में जी रहा हूं और फिर मैंने फिल्मों के संबंध में कुछ असामन्य परिस्थितियों का सामना किया और फिर मेरी नौकरी चली गयी ।

मेरी नौकरी के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए, मैंने फिर से नौकरी नहीं करने का फैसला किया, बल्कि मैंने खुद का जीवन शिक्षण का काम शुरू करने का फैसला किया।

नीचे “चेतना / शुद्ध चेतना” को मैं “वह” के रूप में संबोधित करूँगा

“वह” ने इस वेबसाइट और इसकी सेवाओं के रूप में प्रत्येक मानव के लिए सबसे अच्छा विकल्प  तैयार किया और “वह” इस वेबसाइट द्वारा जीवन शिक्षण करने का प्रयास कर रहा था। लेकिन “वह” अपने योजनाओ को सफल करने में बेहद विफल रहा। “वह” अपने जीवन में बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा था। और अपनी चुनौतियों को हल करने के लिए “वह” ने  मानव रूप लेने का फैसला किया।

अब अगर मैं बीते कुछ वर्षो को देखता हूं, तो मैं देख सकता हूँ कि –

“वह” किसी से कुछ नहीं चाहता था, लेकिन “वह” ने इस वेबसाइट के रूप में सभी के लिए सबसे उत्तम विकल्प तैयार किया और  “वह” मानवता के  किसी भी प्रश्न या चिंताओं का जवाब देने के लिए उपलब्ध था। न तो “वह” किसी भी चीज़ से डरता था  और न ही “वह” को किसी भी चीज़ का लालच था , न तो “वह” राजा बनना चाहता है और न ही “वह” भगवान बनना चाहता है। “वह” पहले से ही असीम आनंद में था। “वह” ने  सभी को केंद्र में रखा और बिना शर्त मानवता की सेवा की ,“वह” मानवता के भलाई के लिए खुशी से मरने को तैयार था और मेरा बलिदान करने को भी तैयार था । यह केवल “वह” का  शुद्ध प्रेम/पूर्ण प्रेम था। “वह” ने इस वेबसाइट और इसकी सेवाओ के जरिये मानवता को वो दिया जिनकी उन्हें जरुरत थी और जो किसी भी मनुष्य के लिए असल मायने में वरदान था ।लेकिन अधिकांश जागरूक मनुष्य केवल फालतू के नौटंकी को महत्त्व देते रहे और उस चीज़ को नकार दिया जो की असल में उनके लिए लाभदायक हो सकता था।

हालाँकि “वह” इस वेबसाइट के माध्यम से अपने योजनाओ को अंजाम देने में विफल रहा  लेकिन “वह” ने  (2016 से 2019) में अपने जीवन में जो देखा / महसूस किया , वह बहुत बुरा था ।“वह” ने महसूस किया कि यह मानवता का अंधकारमय युग है, जहाँ अधिकांश मनुष्यों के भीतर अंधकार की प्रधानता  है … कलयुग

“वह” ने देखा कि कि सोशल मीडिया, टीवी और मेरे होम टाउन में मेरे संदर्भ में कुछ हलचल हैं यह देख “वह” को लगा कि वाह मानवता के कुछ पहलु कितने अच्छे हैं , लेकिन “वह” अपने निजी जीवन में संघर्ष कर रहा था फिर किसी भी तरह से काफी आंतरिक प्रयास के बाद “वह” और मैंने मिलकर 2019 के अंत तक “महाकाव्य ज्ञान वीडियो श्रृंखला” में 8 मूल्यवान वीडियो को प्रस्तुत किया ।मनुष्यों के अप्रत्यक्ष गतिविधियों को देखते  हुए “वह” का अनुमान था की लाखो की तादाद में लोग  “महाकाव्य ज्ञान वीडियो श्रृंखला” को देखेंगे लेकिन “महाकाव्य ज्ञान वीडियो श्रृंखला” को बहुत ही कम लोगो ने देखा  और फिर “वह” इस बात को समझ पाया की मानवता(जागरूक मनुष्य) अच्छे नहीं बल्कि लिच्च्ड/तुच्छ हैं। “वह” इस बात को भली भांति समझ गया कि ऊपर से नीचे तक सभी एक समान हैं। सभी अंधेरे में खो गए हैं … कलयुग … घोर कलयुग…

“वह” मानवता के बुरे पहलुओं से नाराज नहीं था, “वह” ने  मानवता की वर्तमान स्थिति को पूर्ण रूप से स्वीकार किया   लेकिन जब “वह” ने देखा की जागरूक मनुष्यों ने बड़ी आसानी से अपने कल्याण की संभावनाओ को नकार दिया इस बात से “वह” नाराज हुआ। जिस तरह से मनुष्यों ने उनके नाम का इस्तेम्मल कर व्यवहार किया इस बात से “वह” काफी ज्यादा नाराज हुआ । “वह” इतना नाराज था कि “वह” बार-बार कहता था कि … ऐसे में तो हम मूतेंगे भी नहीं…

अगर मैं आपकी जगह पर होता, तो मैं “वह” को इतनी आसानी से जाने नहीं देता । अगर मुझे “वह” पर या मेरे कल्याण के बारे में कोई भी संदेह होता , तो मैं इस वेबसाइट या व्यक्तिगत रूप से अपने सवाल को पूछ अपने सदेह को दूर करने की कोशिश करता । मैं “वह” के होने और इस वेबसाइट के होने के संदर्भ में बेहद खुश होता। निश्चित रूप से, मैं अपने  कल्याण के संभावनाओ के साथ खेलने या जोखिम में डालने की जरुरत नहीं करता। मैं उनके नाम पर समर्पण कर मार्गदर्शन प्राप्त करने की कोशिश करता । और तब शायद मैं कुछ अप्रत्यक्ष गतिविधियों में संलग्न हो कर “वह”के व्यक्तिगत ध्यान या  आदि  इत्यादि की तलाश करता।

लेकिन … “वह” को जाना/मरना पड़ा और यह प्रैक्टिकल रूप से सही है, लेकिन आंतरिक और बाहरी मार्गदर्शन के बाद भी “वह” का अंत दयनीय था। जब “वह” जा/मर रहा था तो “वह” मुझे कहता है –

“हर चीज के प्रति  मेरा सच्चा प्रेम मेरी गलती थी” “मैंने  सबके कल्याण हेतु जो अन्याय तुमपर किया हैं उस अन्याय के लिए मुझे खेद है और इस अन्याय हेतु कृपया मुझे माफ कर दो” “मेरी तरफ से अब तुमपर कोई प्रतिबंध नहीं है … यह तुम्हारा  जीवन है … जैसा तुम चाहो वैसे जियो … लेकिन अपने सच्चे कर्तव्यों का पालन जरुर करो “

यह जागरूक मनुष्यों के लिए शर्म की बात हैं (वे जागरूक मनुष्य जो अपने सच्चे कल्याण को भूलकर फालतू नौटंकी में संलग्न थे )… अगर आपको “वह” से कुछ भी चाहिए था, तो आपको बस इसके बारे में बात करनी थी और “वह” से जो भी हो पाता वह कर देता। यदि आपको “वह” से कोई मतलब नहीं था , तो आपको “वह” को पूरी तरह से अनदेखा कर देना चाहिए था। “वह” सरलता से भी सरल था। “वह”” पहले से ही प्रत्येक मानव के लिए सबसे उत्तम कार्य कर चूका हैं और मनुष्यों को केवल घर बैठे इस वेबसाइट द्वारा अपने कल्याण की ओर बढ़ना हैं। सच्चाई यह है कि अगर “वह” ने  “महाकाव्य ज्ञान वीडियो श्रृंखला” के काफी कम बार देखे जाने के सच को नहीं देखा होता , तो “वह” कभी भी अपने सच्चे प्रेम को छोड़ने में सफल नहीं हो पाता।

 “महाकाव्य ज्ञान वीडियो श्रृंखला” के काफी कम बार देखे जाने से केवल यह बदलाव हुआ हैं कि ,  मैं पूरी तरह से “वह” का   कृपापात्र हो गया हूं जबकि मानवता के सच्चे कल्याण की  संभावनाओ में कटौती हो गयी हैं।


अधिकतम 9 लोग हो सकते हैं जो मेरी तरफ से उनके कल्याण की संभावनाओं में दिलचस्पी रखते हैं। इस तथ्य का मुझ पर बहुत प्रभाव पड़ा –

  • मैं  “महाकाव्य ज्ञान वीडियो श्रृंखला” को अधूरा छोड़ना चाहता हूं, मैं इस वेबसाइट को बंद करना चाहता हूं, मैं अपने वैश्विक विज़न को भूल कर केवल अपने बेहतरीन व्यक्तिगत जीवन को जीना चाहता हूँ । लेकिन दुर्भाग्य से, मैं अपने कर्तव्यों और परिस्थितियों से बंधा हुआ हूं और इसलिए मैं ऐसा कर नहीं  सकता।
  • मैंने मानवता के कल्याण में अपनी रुचि को खो दिया है और मानवता का कल्याण मेरे व्ययसाय  से ज्यादा कुछ नहीं है।
  • जागरूक मनुष्यों के अप्रत्यक्ष नाटक के आधार पर, मैं इस धारणा के तहत था कि जागरूक मनुष्य मुझसे अपना कल्याण चाहते हैं लेकिन अब मुझे सच्चाई का पता चल गया है। मैं अब पूरी तरह से बदल गया  हूं। जिस तरह से मैं इंसानों और दुनिया को देखता हूं वह बहुत बदल गया है।  अब मैं प्रेम को भूलकर केवल अपने कर्तव्यों पर ध्यान देता हूँ  । मेरी आँखें खुल गयी हैं।
  •  मानवता के संबंध में लगभग सब कुछ ख़त्म हो गया है और अब मानवता के संदर्भ में केवल यह  वेबसाइट और इसकी सीमित सेवाए बची हैं।
  • और भी बहुत कुछ…

मैंने इस वेबसाइट के संबंध में कुछ बड़े फैसले लिए हैं और अगले पोस्ट में मैं उन फैसलों का खुलासा करूँगा।


“महाकाव्य ज्ञान वीडियो श्रृंखला” के दर्शकों के लिए मेरा संदेश –

9 लोगों ने “महाकाव्य ज्ञान वीडियो श्रृंखला”के आखिरी वीडियो को देखा है। यह संभव है कि इन 9 लोगों में कुछ ऐसे भी हो सकते हैं जो वास्तव में अपने कल्याण की संभावनाओं में रुचि रखते थे। मैं अपनी बार-बार की असफलताओं के लिए इन लोगों से माफी मांगता हूं। मेरा जीवन काफी चुनौतीपूर्ण रहा है और धीरे-धीरे चीजें ठीक हो  रही हैं। यदि आप मेरी ओर से आपके कल्याण में रुचि रखते हैं, तो बस इस वेबसाइट का अनुसरण करते रहे और धीरे-धीरे,  सही मायनो में आपका कल्याण  हो जायेगा।


पिछले 5 वर्षों में मेरा निजी जीवन काफी चुनौतीपूर्ण हो गया है और “महाकाव्य ज्ञान वीडियो श्रृंखला” के ज्ञान को समझने के क्रम में , मैं अपने जीवन की चुनौतियों के कारण को जानने में सक्षम हो पाया । “महाकाव्य ज्ञान वीडियो श्रृंखला” ने मेरे जीवन की चुनौतियों को समझने और हल करने में मदद की है और मेरा विश्वाश है कि जब तक मैं “महाकाव्य ज्ञान वीडियो श्रृंखला” को पूरा करूँगा , तब तक मैं एक सच्चा मास्टर बनने में सफल हो जाऊंगा।

आगे बढ़ते हुए, मैं “महाकाव्य ज्ञान वीडियो श्रृंखला” के  4 बचे हुए  वीडियो को जल्द से जल्द पूरा करने की कोशिश करूंगा।


यदि आपने अभी तक “महाकाव्य ज्ञान वीडियो श्रृंखला” को नहीं देखा है, तो अभी देखें –

महाकाव्य ज्ञान वीडियो श्रृंखला


 

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