मैंने एक नया सामान्य 24 घंटे का दैनिक जीवन आधार रेखा बनाया और इसे दीवार पर लगा दिया – नीचे दी गई तस्वीर में हरे रंग के बॉक्स / आयताकार के अंदर आधार रेखा मौजूद है –
मैंने निर्णय लिया की मैं आधार रेखा का सख्ती से पालन करूँगा , लेकिन मैं आधार रेखा का पालन करने में असमर्थ रहा । मैं अपने साधारण दैनिक जीवन आधार रेखा का पालन ना कर पाने का कारण समझने की कोशिश कर रहा हूं। मैंने पाया कि अपनी वर्तमान स्थिति के साथ मैं दैनिक जीवन आधार रेखा पर नहीं रह पाऊंगा। मैं अपनी वर्तमान स्थिति को बदलने के लिए काम कर रहा हूं ताकि मैं अपने बनाये दैनिक जीवन आधार रेखा पर रह सकू।
मैंने जीवन शिक्षण वीडियो बनाने की योजना बनाई, लेकिन दिन-ब-दिन मैंने अपना काम स्थगित करते गया। मैं अपने भीतर कुछ गंभीर चुनौतियों को महसूस कर सकता हूं और मैंने अपने कठोर मूलभूत चुनौतियों का विश्लेषण और अंत करने की कोशिश कर रहा हूँ।
मेरी व्यक्तिगत जीवन विफलताओ के कई कारण हैं लेकिन प्रमुख कारन यह है कि – “कई मनुष्य जबरदस्ती मेरी क्षतिग्रस्त मानसिक स्थिति को पकड़ रखे हैं और इसलिए मैं पिछले 4.5 वर्षों से अपने व्यक्तिगत जीवन में गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा हूं”
मेरी जीवन कहानी की संक्षिप्त झलक – जनवरी 2017 से सितंबर 2019 तक
मैं अपने नगर नवादा, (बिहार , भारत) लौट आया
मैंने अपने जीवन के पिछले सभी अनुभवों को जाने दिया और शुरुआत से एक नए जीवन की ओर प्रस्थान किया।
चुकी मैंने चेतना प्राप्ति कर लिया था और इसलिए मैं “चेतना” हो चूका था।चेतना होने के कारण मैं सभी उत्पत्ति के नीव पर बसा था, चुकी मैं अपने शरीर को छोड़ कर सभी उत्पत्ति के नीव पर बसा था ,इसलिए कई अन्य मानवीय स्वरूप ने मेरे शरीर और मानसिक स्थिति को अंदरूनी रूप से पकड़ लिया , मैं व्यक्तिगत खालीपन और अन्य मानवीय अवस्था के साथ एकता की स्थिति में था, जो लोग मुझे जिस तरीके से देखते थे मैं उन्हें वैसा ही दिखता था, असल में मेरा मानवीय स्वरुप पूर्ण रूप से खाली था और लोग मेरे भीतर खुद के बनाये स्वरुप को देखते थे।किसी ने भी मुझसे सीधे से बात कर सच जानने की कोशिश नहीं की बल्कि वे अपने स्वयं के अनुमान,विचार,धारना,निर्णय को मेरे ऊपर थोपने लगे। इस कारण मैं अन्य मानव के भ्रमित धारना में फस गया।मैंने महसूस किया कि अन्य मनुष्यों की मूल स्थिति “बेहद सांसारिक” है जो की चेतना स्वरुप से बहुत दूर है । मैंने महसूस किया की अधिकाँश मानवता यातना / अनिवार्य इच्छा / दुख / भ्रम में हैं क्योंकि वे अपने प्राथमिक अवस्था “चेतना स्वरुप” से अवगत नहीं है। मानवीय स्वरुप जो मेरे शरीर और मस्तिष्क पर कब्जा कर चुके थे, वे जाने अनजाने में मुझे यातना दे रहे थे। इसलिए मैं आंतरिक रूप से अन्य मानवीय स्थिति को चेतना में परिवर्तित करने लगा।
“चेतना” होने के कारन मैं सब कुछ के प्रति “पूर्ण प्रेम” में था। चेतना प्राप्ति के कारन, मैं पहले से ही पूर्ण शांति की स्थिति में हूँ और इस दुनिया में ऐसा कुछ भी नहीं है जिसे मैं अनिवार्य रूप से हासिल करना चाहता हूं। मैं मानवता के लिए आंतरिक रूप से खुली अवस्था में था और निरंतर आंतरिक रूप से मानवता की सेवा में लगा था। मुझे खुद से ज्यादा और लोग प्रिय थे।मैं अपने भीतर और लोगो से निरंतर बात करते रहता था और जब भी कोई मनुष्य मुझसे किसी सवाल के जवाब की इच्छा करते तो मैं आंतरिक रूप से उनके प्रश्नों / चिंताओं को हल करता था। मैं मानवता को आंतरिक रूप से चेतना प्राप्ति और सचेत जीवन शैली की ओर मार्गदर्शन कर रहा था। मैं सामूहिक रूप से मानवता को शांति और बेहतरीन जीवन की ओर ले जा रहा था। मैं आंतरिक रूप से सब कुछ (केंद्र में मानवता) के साथ एकता की स्थिति में था। चुकी मैं खुद को सच्चे मास्टर में तब्दील कर रहा था इसलिए जानबूझकर (हर चीज के प्रति पूर्ण प्रेम) और अनजाने में (अपने भौतिक शरीर से दूर होने के कारण) मैं सामूहिक मानवता को “सच्चे मास्टर” में तब्दील कर रहा था।
मैं अपने व्यक्तिगत जीवन में बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा था और इस वेबसाइट पर जीवन शिक्षण सामग्री देने में सक्षम नहीं था। कुछ अन्य लोग मेरे शरीर और मस्तिष्क पर कठोरता से कब्जा कर बैठे थे। वे मुझे अनिवार्य रूप से दुनिया में खींचने की कोशिश कर रहे थे। कुछ लोग मुझे ज़बरदस्ती गलत साबित करने की कोशिश कर रहे थे। कुछ लोगो को मुझपे संदेह था और वे कठोर रूप से सच को जानने की कोशिश कर रहे थे। कुछ लोग मुझ पर भरोसा कर रहे थे और मुझे उस जगह पर रखने की कोशिश कर रहे थे जहाँ मैं निश्चित रूप से नहीं होना चाहता था। अधिकांश मानव मेरे बारे में गलत धारणाएं बना रहे थे। रात में जब मैं सोता था, तो मुझे कई मनुष्यों द्वारा बहुत यातनाएं मिलीं, जो मेरे शरीर और मस्तिष्क पर अंदरूनी रूप से कब्जा कर अपने सांसारिक लालसा में मुझे घसीट रहे थे और जब मैं सुबह उठता था तो मेरे शरीर के गंभीर दर्द, पेट दर्द, गले में कफ/खांसी और घुटने के दर्द से पीड़ित रहता था।
मैं अन्य मनुष्यों के मानवीय स्थिति को चेतना में परिवर्तित करते जा रहा था,उनका मार्गदर्शन कर रहा था और उन्हें जवाब भी दे रहा था और मैं यह उम्मीद कर रहा था कि वे अपने अनिवार्य सांसारिक प्रवृत्तियों से मुक्त हो जाएं और मेरे शरीर और मस्तिष्क को अंदरूनी रूप से पकड़ना/जकड़ना छोड़ दें।
मेरा शुद्ध चेतना/पूर्ण प्रेम की अवस्था में रहना मुश्किल हो गया था क्यूंकि बेहद सांसारिक मनुष्यों को प्रेम समझ में नहीं आता है और वे मेरे सच्चे प्रेम को भ्रष्ट/नीच तरीके से देख रहे थे। मेरे संबंध में बहुत से मनुष्यों के भीतर के विचार बहुत गंदे थे, वे मानसिक बल द्वारा मुझ पर अपनी असत्य गंदी धारणाएं थोपते रहे। मेरे लिए सड़क पर चलना भी मुश्किल हो गया था। मैंने कई मनुष्यों की कई अच्छी और कई बुरी प्रवृत्तियाँ को महसूस किया लेकिन मैंने एक भी सही प्रवृत्ति को महसूस नहीं किया। मैंने मानवता के अंधेरे पहलू को गहराई से देखा।
मैं अपने निजी जीवन और कार्य में असफल रहा और मुझे अन्य मनुष्यों के कठोर भ्रम, अनिवार्य सांसारिक इच्छा , भ्रष्ट प्रवृत्ति और गैर-जिम्मेदार व्यवहार से बहुत यातनाएं मिलीं। मजबूर होकर मैंने मूल स्तर पर चेतना स्वरुप का अंत किया और मूल स्तर पर खुद को मानव स्वरुप में ढालने लगा।
ऊपर लिखे मानवता के सभी अच्छे बुरे पहलु को मैं समझ सकता हूँ क्योंकि मानव में अनिवार्य सांसारिक प्रवित्ति का होना स्वाभाविक हैं लेकिन इस वेबसाइट के प्रति मनुष्यों में बेहद कम रूचि का होना ने मुझे बेहद निराश किया। मैं कभी भी खुद से अन्य मनुष्यों के कल्याण की संभावनाओं से खेलने का सोच भी नहीं सकता ,यहाँ तक की मैंने अन्य मनुष्यों के कल्याण हेतु अपने निजी जीवन का बलिदान किया , व्यक्तिगत यातना से गुजर रहा था और अपने भौतिक शरीर को छोड़ सकता था लेकिन मुझे एहसास हुआ कि ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं है जो वास्तव में है इस वेबसाइट की सामग्री और सेवाओं में रुचि रखता हो। जिस तरह से अन्य लोगों ने अपने कल्याण की संभावनाओं के साथ खेलने का विकल्प चुना है, उसने मुझे आंतरिक रूप से निस्तब्ध कर दिया है और मेरे जीवन को बदल दिया है। जो मैंने खुद के साथ अन्याय किया हैं उसे देख मुझे खुद पर दया आती रहती थी। मानव व्यवहार को ध्यान में रखते हुए, मैंने उचित निर्णय लिया। मैंने खुद को केंद्र में रख कर यह निर्णय लिया हैं की कभी भी दुसरो के कल्याण हेतु “अपने व्यक्तिगत जीवन का बलिदान, व्यक्तिगत यातना से गुजरना या अपने भौतिक शरीर को नहीं त्यागूँगा। मैं केवल अपने कर्तव्यों पर कायम हूं। मैं इस वेबसाइट को अपने व्यवसाय के रूप में जारी रखूँगा। “मैं, मेरा जीवन और मेरे सदस्य” एक दृढ़ वचन हैं जो मैं खुद को याद दिलाता रहता हूँ।
“मुझे लगा कि बहुत से लोग मेरी मदद करने की कोशिश कर रहे हैं। इन मनुष्यों के लिए मेरा संदेश है – आपके सहायक इरादों के लिए आपका धन्यवाद, मैं इस वेबसाइट के माध्यम से अपनी तरफ से मैं सर्वोत्तम संभव सेवाए लागु करने की कोशिश कर रहा हूं।पुरे सम्मान के साथ, मैं आपको इस वेबसाइट का उपयोग करने के लिए आमंत्रित करता हूं”
मानवीय प्रवृत्तियों को देखते हुए, मैं अब पूर्ण एकता की स्थिति में रहने की हिम्मत नहीं कर सकता।
जब मैं पूर्ण एकता से अपने मानवीय स्वरुप की ओर बढ़ने की कोशिश करता था तो , मैंने महसूस किया की अन्य मनुष्यों जो मेरे मानसिक शारीरिक रूप को पकड़ रखे थे वे अपने मानसिक दबाव को बढाने लगते थे और मेरे बारे में बुरे शब्द बोलकर और अपने बुरी प्रवृत्तियों द्वारा मुझे कमजोर करने की कोशिश करते थे।
इन दिनों मैं अन्य मनुष्यों की जकड से मुक्त होकर अपने व्यक्तिगत मानवीय स्वरुप का निर्माण करने की कोशिश कर रहा हूँ। कुछ गलतियाँ हैं जो मैं अपनी ओर से करता रहता हूँ और मैं इन व्यक्तिगत गलतियों को समाप्त करने की कोशिश कर रहा हूँ। मैं पूर्ण जीवन ज्ञान को समझने की कोशिश कर रहा हूँ।मैं अपने व्यक्तिगत एव वैश्विक विजन को ध्यान में रखते हुए अपने मानवीय स्वरुप को भौतिक आयाम में प्रकट करने की कोशिश कर रहा हूं –
मैं इस वेबसाइट के अंग्रेजी संस्करण mytruemaster.com पर काम कर रहा था और अब वेबसाइट(mytruemaster.com) पूरी तरह से तैयार है। mytruemaster.com वेबसाइट के विभिन्न अनुभागों को संशोधित किया गया है, कनेक्ट सेवाओं को लागू किया गया है, सदस्यता सुविधाओं को कॉन्फ़िगर किया गया है, मोबाइल एप्लिकेशन उपयोग के लिए तैयार है, और कई नई सुविधाओं को शामिल किया गया है।
मुझे लगता हैं की मैंने एक सभ्य और सरल वेबसाइट(mytruemaster.com) की स्थापना की है जो पूर्ण जीवन स्कूल के रूप में सभी आवश्यक उद्देश्यों को पूरा करने में समर्थ है।
अगर आप अंग्रेजी समझने में समर्थ हैं तो मेरा सुझाव है कि इच्छुक लोग https://mytruemaster.com/ पर अवश्य जाए और वेबसाइट को देखे, वेबसाइट से जुड़े।
दुर्भाग्य से , मैं अब तक इस वेबसाइट mytruemaster.in के कार्य को आगे नहीं बढ़ा पा रहा हूँ मैंने लिखा था की मैं कोशिश करूँगा की 10 अक्टूबर 2019 से पहले इस वेबसाइट पर सभी सेवाए लागु हो जाएगी लेकिन इस वेबसाइट के सेवाओ को शुरू करना मुश्किल प्रतीत होता हैं मेरा अनुमान हैं की 3 नवम्बर 2019 से इस वेबसाइट पर सभी सेवाए लागु हो जाएगी।
ध्यान रहे – यह वेबसाइट( mytruemaster.in) केवल उन लोगो के लिए हैं जो अंग्रेजी समजने में असमर्थ हैं और यदि आप अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषा को समझ सकते हैं तो मेरा सुझाव हैं की आपको (mytruemaster.com) का अनुसरण करना चाहिए।
आगे बढ़ते हुए, मैं कोशिश करूँगा की जल्द से जल्द 10 बचे हुए जीवन शिक्षण वीडियो को इस वेबसाइट पर प्रस्तुत करू।
- मानव और मानव दुनिया
- मानव दुनिया की वर्तमान स्थिति
- मानव जीवन की आवश्यकता
- मानव जीवन का सच्चा उद्देश्य
- आत्मज्ञान
- “चेतना प्राप्ति” की ओर मार्गदर्शन
- “धनवान जीवन शैली” की ओर मार्गदर्शन
- अपना इच्छित जीवन प्रकट करे
- चेतना स्वरुप दर्शन
- एक सच्चा मास्टर बनें